भास्कर सम्मान 2020 से सम्मानित हुए कांगड़ा के भाषा अध्यापक राजीव डोगरा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के गीतशाला मंच के द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया
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Read Moreआओ मिलकर विचारों की ज़रा आग जलाए। डूब रही है जो देश की हस्ती ज़रा उसको रोशनाए। मर मिटे है
Read Moreशिक्षा के मन्दिर मे , बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर , कलंककित होते हो तुम, हे
Read Moreगणतंत्र दिवस की सुबह आई है, सबके चेहरे पर खुशियां छाई हैं। अधिकार हमें इसी दिन मिले थे, जीवन को
Read Moreरचें सियासी बेशरम, जबजब भी षड्यंत्र ! आँखे मूँद खड़ा विवश, दिखा मुझे गणतंत्र !! कहलाता गणतंत्र का, दिवस राष्ट्रीय
Read Moreआगरा | यूथ हॉस्टल (आगरा) के सभागार में बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी व विश्वशांति मानव सेवा समिति के संयुक्त
Read Moreभव भय से मुक्त अनासक्त, विचरि जो पाबत; बाधा औ व्याधि पार करत, स्मित रहबत ! वह झँझावात झेल जात,
Read Moreविरोध करेंगे, गतिरोध नहीं (लघुकथा) ”बहिनो और भाइयो, हमारे मन की आवाज है- छिड़ने दो न्याय के तारों को
Read Moreक्या गजब किया ये क्या हूजूर हो गए मतलब में पास पास थे अब दूर हो गए जब काम था
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