“पंक से मैला हुआ है आवरण”
सभ्यता, शालीनता के गाँव में, खो गया जाने कहाँ है आचरण? कर्णधारों की कुटिलता देखकर, देश का दूषित हुआ वातावरण।
Read Moreसभ्यता, शालीनता के गाँव में, खो गया जाने कहाँ है आचरण? कर्णधारों की कुटिलता देखकर, देश का दूषित हुआ वातावरण।
Read Moreशिक्षा ही जीवन का आधार है, देश का विकास भी शिक्षा के स्तर पर निर्भर, शिक्षा का स्तर,शिक्षक पर है
Read Moreहम अज्ञानी और अल्प बुद्धि है, मां शारदे इतना उपकार करो। हम सब के अन्तर्मन में, झंकृत वीणा तार करो।
Read Moreजीवन की इक छोटी सी भूल, चुभे जब मन में बनकर शूल। काटों की शक्ल इख्तियार करता, तब राहों में
Read More‘मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है ‘ उक्त पक्तियाँ अमर गीतकार स्व.शैलेन्द्र जी का लिखा
Read Moreमेरे दौर में एक गाना गूंजता था,जो प्राण साहब पर फिल्माया गया था —“कस्मे-वादे प्यार-वफ़ा सब वादे हैं वादों का
Read Moreदिन-रात की भागदौड़, व्यस्तता की मारधाड़ और अधिक से अधिक पा लेने की चाह में, लगता है रिश्ते कहीं खो
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