व्यंग्य – कब तक सोएगा शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा में वो ताकत है जो पूरे देश बदल सकती है, लेकिन अफसोस हमारा शिक्षा मंत्रालय आज गहरी नींद में
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Read Moreश्रमिक की व्यथा कैसी होती है, दिन भर वह मेहनत करता है, फिर चार पैसे कमा पाता है, ज्यादा हो
Read Moreदुनिया कैसी हो गई, कैसे हैं अब लोग! पूजा से सब दूर हैं, चाहें केवल भोग!! सेवक बनकर घूमते, पर
Read Moreआज के लगभग सभी समाचार पत्रों ने हिमालय की सबसे ऊँची चोटी माऊँट एवरेस्ट के बारे में बहुत ही व्यथित
Read Moreसरस निर्मल ह्दय बिखेरती मुस्कान मानो चमकती दूध सी चांदनी रात, कूक नींद तोड़ती मंद हवा संग शुभ प्रभात, पुष्प
Read Moreचलते-दौड़ते-भागते अपना सब कुछ लुटाते भूखे पेट पटरियों पर सोते मन पर बोझ लिए मन भर बोझा ढोते अरे !
Read Moreबचपन से ही उसे डांस का बहुत शौक था । अक्सर छुप छुप कर टीवी के सामने माधुरी के गाने
Read More“स्त्री श्रमिक” तपती हूं मैं भी भरी दुपहरी में बहाती हूं स्वेद तन से, भीगती हूं बारिश में मैं भी
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