ग़ज़ल
घूम लें माँ चार सू चल आज फिर दृश्य मोहक चार सू है आज फिर दिल में तो अरमान मेरे
Read Moreमुझे अंगार में रहने की आदत हो गयी है किसी के प्यार में रहने की आदत हो गयी है फ़लक
Read Moreमेरे अक्स में फिर अक्स तेरा न लगे। जुस्तजु न रहे तेरी कोई रिशता न लगे। तुझे भूलने की नाकाम
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