जिंदगी एक झमेला है…
जिंदगी एक झमेला है खुशी और ग़म का मेला है कौन अपना और पराया है ये सब स्वार्थ का खेला
Read Moreजिंदगी एक झमेला है खुशी और ग़म का मेला है कौन अपना और पराया है ये सब स्वार्थ का खेला
Read Moreदहशतगर्दी की पर्याय बने यदि तुम कभी मुझे मिल गये तो मैं ये जरूर पूछूँगा कि आखिर तुम चाहते क्या
Read Moreचलो फिर से बच्चा बन जायें, चलें गांव वापस खुशियां मनायें। हो प्रकृति से सीधा अपना नाता, सुबह खेत खलिहानों
Read Moreहै बसंत की बहार नव पल्लव कर रहा पुकार कोयल की कूक मन को भाय आश लिए प्रीतम को निहार।
Read Moreशहर छोड़ लौट चलूं अब वापिस अपने गांव गांव छोड़ शहर आया था कुछ पाने और कमाने किया हिसाब तो
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