सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन- 17
जीवन एक अनुभव… एक बुलबुला, ओस की बूंद, एक बादल, जीवन की सच्चाई है… जीवन एक अनुभव है… एक हँसता-मुस्कुराता
Read Moreजीवन एक अनुभव… एक बुलबुला, ओस की बूंद, एक बादल, जीवन की सच्चाई है… जीवन एक अनुभव है… एक हँसता-मुस्कुराता
Read Moreबैठी हूँ तरू तल में अपनी क्लान्तियों को लिए हुए, देख रही हूँ चंचल मन तितलियों को लिए हुए,। झूम
Read Moreकौन यहाँ आता है , कौन मुँह छिपाता है । कौन आकर पल दो पल पास बैठ जाता है। सुनता
Read Moreभावना अनाहत है, क्यों फिर आहत है ? यह नहीं मुसीबत है । आदत की कठिनाइयों में विवाद कायम नहीं
Read Moreगरज के साथ विवेक भी महीन है रोक मुद्रा के विकार से चीत्कार खूब-खूब उत्तर में अभिष्टि कहीं है बेअसर
Read Moreलोग कहते हैं मैं बेवफा हूँ ! आफत हूँ ! विशाल दौलत के मद्देनजर अभीष्ट फल की प्रतीक्षा में ज्ञानशील
Read Moreमेरे प्यारे बच्चो मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ? क्या क्या बताऊँ? तुम्हें अपनी धरती माँ की चिंता शायद नहीं हो रही
Read Moreजनाब छोड़िए उदासियों को मुस्कराने की आदत डालिये ठीक है छोड़ देती है मुस्कान साथ मुश्किलों में पर आपकी ढाँढस
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