गीतिका
चलते चलते किस युग तक आये हम है, जिधर देखो नफरत का माहौल गरम है।। हर बात दुसरे को यहां
Read Moreकोरोना से डर नहीं , भीड़ में नहीं काम । कोरोना से बच रहो , लेना प्रभु का नाम ।।
Read Moreकाश्मीर की कली हुई पहले से खुशबूदार। अब्दुल्ला- मुफ्ती के चंगुल से हो गई फरार।। जोगीरा सरररर…… तीन तलाक न
Read Moreबाई-बाई कह दें कोरोना को जो कहते हैं वो होता है। हम जो सोचें वो कर देते रोना भी रोना
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