संस्मरण : एक कसक
लखनऊ के महानगर इलाके में जहाँ मैं रहती थी वहाँ हमारे पड़ोस का घर काफी समय से खाली पड़ा था।
Read Moreलखनऊ के महानगर इलाके में जहाँ मैं रहती थी वहाँ हमारे पड़ोस का घर काफी समय से खाली पड़ा था।
Read Moreइन्कार नहीं होता इकरार नहीं होता कुछ भी तो यहाँ दिल के अनुसार नहीं होता लेगी मेरी मोहब्बत अंगड़ाई तेरे
Read Moreन तो ज़िंदगी रुकती है और न ही साहसी राही. उसकी ज़िंदगी भी रुकी नहीं, अपनी चाल से चलती गई.
Read Moreइन ऊबड़-खाबड़ रास्तों ने मुझे चलना सिखा दिया उठकर गिरना और फिर गिरकर उठना सिखा दिया इन रास्तों पर बहुत
Read Moreमन तो आतुर है , ऊंचा उड़ने को, जाकर बादलो के पार नील गगन चूमने को, इंद्रलोक की अप्सराओं के
Read Moreवफ़ा का फिर सिला धोखा रहा है बस अपना तो यही क़िस्सा रहा है उन्हीं जालों में ख़ुद ही फंस
Read Moreओ३म् ऋषि बोधात्सव पर्व 7 मार्च पर महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि
Read Moreविपश्यना साधना मेडिटेशन की एक सही विधि है। शुद्ध सात्विक पवित्र, मंगलमयी, तन मन को ऊर्जा, शक्ति, हिम्मत, समता देती
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