लघुकथा – फोटोग्राफ्स
बचपन के उस मित्र से बहुत वर्षो के बाद आज मुलाकात हुई। आज वह बहुत ही प्रसिद्ध
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Read Moreजनपद आगरा के गांव रिहावली में पुनः जनजीवन सामान्य होने लगा है । आपको बता दें कि बीती पन्द्रह अप्रैल
Read Moreबंगाल के चुनाव पर पूरे देश की नजर बनी हुई थी, यह चुनाव बहुत हद तक यह तय करता कि
Read Moreपेड़ों ने अपना श्वास तोड़ा तो, इंसान अपने प्राण भूल गया। यहां बढ़ती बदहाली को कौन समझे? जो समझे उसी
Read Moreन जप जरूरी न तप, न मेला कुंभ का जरूरी न स्नान शाही न धागे मन्नत के, न मन में
Read Moreसमय के साथ शिक्षा,सुविधा,आधुनिकता ने मति को क्षतिग्रस्त करना प्रारंभ किया, बढ़ती तकनीकी सुविधाएं हमें आलसी बना रहीं, हमें बीमार
Read Moreबहुत आसान है बड़े से बड़े ग़म में औरों को समझाना ढाँढस बँधाना, जीवन चक्र और दुनियादारी बताना, शब्दों के
Read Moreसम्पूर्ण जगत की महिलाओं के आदर्श देवी ‘सीता’ माता…. हर घर की सोच है, सीता जैसी बेटी और बहू मिले,
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