‘पेट’ को बहुवचन में क्या कहेंगे ?
पूरा नाम तो कुछ और है, किन्तु यहाँ इतना-सा ही उपनाम से काम चल जाएगा ! सेक्स और पीयर भले
Read Moreपूरा नाम तो कुछ और है, किन्तु यहाँ इतना-सा ही उपनाम से काम चल जाएगा ! सेक्स और पीयर भले
Read More‘बारिश’ रसीली है या नशीली या दोनों ! इधर बारिश ऐसी रसीली और नशीली होती जा रही कि मिट्टी का
Read Moreविरह के दिन गए भगवन, पुनः निज धाम आए हैं। जन्मभूमि प्रफुल्लित है, सखी मेरे राम आए हैं।। खिली जब
Read Moreतेरे शहर में फिर से आना चाहता हूँ मैं मेरा दिल फिर से जलाना चाहता हूँ मैं जो आग लगी
Read Moreश्री सीताराम अंतर्राष्ट्रीय काव्य संकलन के सम्पादक डॉ बालकृष्ण पचौरी राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित शिक्षक है। इस संकलन में देश विदेश
Read Moreये रिश्ता क्या कहलाता है…? बस…, बन्धन है प्यार की…, धड़कन है इश्क़ की बयार की…। दोस्ती भी तो कई
Read Moreतल रहे कितने अतल सृष्टि में, कहाँ आ पाते सकल द्रष्टि में मार्ग सब निकट रहे पट घट में, पहरे
Read More