खुशियों की चाभी
तलाक के बाद तो शुरू -शुरू में माँ -पिताजी ने सुमंगला को खूब प्यार दिया; दो वर्षीया धेवती मानू को
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Read Moreरात के सन्नाटे में “जागते रहो “की आवाज गूंज रही थी। कविता को वैसे भी कम ही नींद आती है
Read Moreअपनी दादी के काम में हांथ बंटाने दादी के साथ रोज आते थे राजा और रानी। उम्रदराज दादी। झुकी झुकी
Read Moreगत वर्ष माँ की मृत्यु के बाद पिता पुत्र एक दूजे का सहारा बन जीवन की गाड़ी आगे बढ़ा रहे
Read Moreचाची से डांट खाने के बाद रत्ना सुबकते हुए अपना काम करने लगी। बिन मां – बाप की रत्ना अपनी
Read Moreसुनीता की बेटी अंजली को हमेशां अपनी मां से शिकायत रहती कि उन्होंने उसे विदेश नही जाने दिया।जब भी कैनेडा
Read More“ज्योति,अब तुम शिक्षिका बन गई हो। उम्र भी तेईस हो गई है अब तो तुम्हें आपत्ति नहीं है न ?” अपने
Read Moreआवाज बंद नही हो रही, लगता है मामला कुछ ज्यादा ही गर्म दिख रहा है । दरवाजे के बाहर रमेश
Read Moreरामू – पिता जी मोहन दिख नहीं रहा है क्या वो इस बार होली खेलने नहीं आएगा। पिता जी- बेटे
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