ग़ज़ल
इक दर्द का दरिया मेरी आँखों से रवाँ है कल तक था जो आनन्द का सागर वो कहाँ है तज
Read Moreपहली मई ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस’ के बाद मजदूरों के सबसे बड़े हिमायती रहे आदरणीय कार्ल मार्क्स का जन्मदिवस 5 मई
Read Moreअफसोस… जन्मभूमि जर्मनी में ‘कार्ल मार्क्स’ की कोई कद्र नहीं है ! ×××× 2/3 दुनिया को अपने विचारों से प्रभावित
Read Moreश्रम को धर्म मानकर करते काम।करते मजदूरी मजदूर हमारा नाम।। मजदूरी करते सुबह शाम दोपहर ।ताने भी खाते जैसे हो
Read Moreलॉकडॉउन की मार ,मजदूरों को मार गई।रोजगार छीन गई ,भूख प्यास भी मार गई।। लॉक ही हो गया ,हम मजदूरों
Read Moreहे मनुष्य इतना जान ले अब ईश्वर को पहचान लेक्यों मूख बना क्यों अंध बना अब तू ये ज्ञान ले
Read Moreमिट्टी का जिस्म है तो ये मिट्टी में मिलेगा एहसास हूँ मैं कौन मुझे दफ़्न करेगा। तिरते हैं सफीने जो
Read Moreकोरोना की रफ्तार से बढ़ते संक्रमण की दर को कम करने हेतु बाजारों में चालान होने की प्रक्रिया के बावजूद
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