पवन छंद “श्याम शरण”
पवन छंद “श्याम शरण” श्याम सलोने, हृदय बसत है। दर्श बिना ये, मन तरसत है।। भक्ति नाथ दें, कमल चरण
Read Moreपवन छंद “श्याम शरण” श्याम सलोने, हृदय बसत है। दर्श बिना ये, मन तरसत है।। भक्ति नाथ दें, कमल चरण
Read Moreआँख में अश्रु लाती हो। बाद में तू छुपाती हो।। नैन से लो गिरे मोती। आज तू मात क्यों रोती।।
Read Moreमाना कि मैं मजदूर हूँ पर इसका मतलब ये तो नहीं कि बहुत मजबूर हूँ। मैं हिम्मत ,हौसला रखता हूँ
Read Moreएक दूसरे से हम हर दिन बोलते हैं शुभोदय वास्तव में शुभ व अशुभ का नहीं होता कभी सूर्य का
Read Moreघंटिकाएँ अब चारों ओर बजने लगीं करोना का विकराल नृत्य थमने का नाम नहीं ले रहा भौतिक दूरी से अलग
Read Moreआया जब से देश में, हैं कोरोना सभी मायूस,ख़ामोश , सतर्क रहने लगे जब तक दवाएं न थी, सब दुआओं
Read Moreवक्त की दौड़ में वक्त की हौड़ में सब कुछ बहता चला जा रहा है। सिवाए मेरे हृदय में खनखनाती
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